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Bihar में चुनावी धांधली के आरोप: तेजस्वी यादव ने EC पर लगाया बीजेपी के 'सेल' जैसा काम करने का आरोप

2025-08-24
Bihar में चुनावी धांधली के आरोप: तेजस्वी यादव ने EC पर लगाया बीजेपी के 'सेल' जैसा काम करने का आरोप
The Economic Times

तेजस्वी यादव का EC पर हमला: लगाया बीजेपी के 'सेल' जैसा काम करने का आरोप

पटना: बिहार में चुनावी माहौल गरमा गया है। राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 'सेल' की तरह काम कर रहा है, जिससे लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है। तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

तेजस्वी यादव ने क्या कहा?

तेजस्वी यादव ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रह गया है। यह बीजेपी के एक सेल की तरह काम कर रहा है और बीजेपी के इशारों पर नाच रहा है।' तेजस्वी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग को अपनी कार्यशैली में सुधार करना चाहिए और निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने चाहिए, तभी लोकतंत्र जीवित रहेगा।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

तेजस्वी यादव के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव का आरोप निराधार है और वह सिर्फ राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं। बीजेपी ने तेजस्वी यादव को चुनौती दी है कि अगर उनके पास चुनाव आयोग के खिलाफ कोई सबूत है तो वे उसे कोर्ट में जाकर पेश करें। बीजेपी का कहना है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और वह निष्पक्ष रूप से अपना काम कर रही है।

विपक्ष का समर्थन

तेजस्वी यादव के आरोपों को कई विपक्षी दलों का समर्थन मिल रहा है। कई नेताओं ने तेजस्वी के साथ सहमति जताते हुए कहा है कि चुनाव आयोग को बीजेपी के दबाव में काम नहीं करना चाहिए। विपक्ष का कहना है कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रहेगा तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।

चुनाव आयोग की भूमिका

चुनाव आयोग भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली संस्था है। संविधान द्वारा इसे चुनाव कराने का अधिकार दिया गया है। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना होता है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करना होता है और किसी भी पार्टी को विशेष सुविधा नहीं देनी होती है।

निष्कर्ष

तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर आरोप एक गंभीर मामला है। इस मामले में चुनाव आयोग को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए और यह साबित करना चाहिए कि वह निष्पक्ष रूप से काम कर रहा है। अगर चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता साबित करने में विफल रहा तो लोकतंत्र पर खतरा मंडरा सकता है। बिहार में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है और देखना होगा कि यह मामला आगे किस मोड़ पर जाता है।

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